ज्योत से ज्योत जले — Question and Answer

Jyot Se Jyot Jale - Class 8


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मौखिक

 

1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

 

(क) बचपन को जीवन का स्वर्णिम काल क्यों कहा जाता है?

 

उत्तर- बचपन को जीवन का स्वर्णिम काल इसलिए कहा जाता है क्योंकि बचपन यानी खेल, शैतानी, निश्चिंतता, मस्ती, भोलापन ! क्षण में रुष्ट तो क्षण में तुष्ट । कभी झगड़ा करके 'कुटी' तो दूसरे ही क्षण में गल- बहियाँ डाले फिर से हँसी - ठिठोली । निष्पाप, निष्कलुष ! घृणा, बैर, द्‌वेष जैसे सभी विकारों से मुक्त, जो हमारी सुख शांति के दुश्मन होते हैं। निर्मल, निश्छल बच्चों की भोली हंसी से सुंदर क्या कुछ और है संसार में?

 

(ख) सभी बच्चों को बचपन का सुख क्यों नहीं मिल पाता है ?

 

उत्तर- गरीबी और मजबुरी के कारण सभी बच्चों को बचपन का सुख नहीं मिल पाता है क्योंकि जब इन्हें भूख सताती है तो ये अपने पेट के खातिर ढाबों में बर्तन माँजते हैं, खाना परोसते हैं, जूता-पॉलिश और न जाने कितने काम करते नजर आते हैं। उनका बचपन तो इन्हीं कामों के बीच कहीं गुम हो जाता है।

 

(ग) सत्यार्थी जी ने देश-विदेश में क्या-क्या सराहनीय कार्य किए हैं?

 

उत्तर- सत्यार्थी जी ने बाल-मजदूरी के खिलाफ अपने अभियान को विदेशों में भी फैलाया है। उन्होंने 108 देशों के चौदह हज़ार संगठनों के साथ मिलकर 'बाल मजदूरी विरोधी विश्व-यात्रा' आयोजित किया। उनके इस प्रयास से प्रभावित होकर सार्क के सदस्य देशों ने बाल मजदूरी पर एक कार्यदल बनाने की घोषणा की है। सत्यार्थी जी के संगठन ने भारत में अब तक 80,000 से भी अधिक बच्चों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है। अपने सराहनीय प्रयासों के लिए देश-विदेश से उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। वर्ष 2014 में उन्हें ‘नोबेल शांति पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

 

लिखित

 

1. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए-

 

(क) सारी दुनिया में लगभग कितने बाल - मजदूर हैं तथा भारत में इनकी संख्या लगभग कितनी है?

 

उत्तर - सारी दुनिया में लगभग 16.8 करोड़ बाल - मजदूर हैं। अकेले भारत में ही इनकी संख्या छह करोड़ के आसपास है।

 

(ख) आर्थिक समस्या से घिरे बच्चे कहाँ- कहाँ काम करते दिखाई देते हैं?

 

उत्तर - आर्थिक समस्या से घिरे बच्चे ढाबों में बर्तन माँजने, खाना परोसने, जूता पॉलिश करते, खेतों, बसों, ट्रेनों, कारखानों में काम करते दिखाई देते हैं।

 

(ग) कैलाश सत्यार्थी का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

 

उत्तर - कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी 1954 को मध्य प्रदेश के विदिशा में हुआ था ।

 

2. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए

 

(क) ग्यारह वर्ष की अवस्था में हुए किस अनुभव ने सत्यार्थी जी को झकझोर दिया ? इसके बाद उनके जीवन की दिशा किस प्रकार बदल गई?

 

उत्तर - जब सत्यार्थी जी ग्यारह वर्ष के थे, तब उन्होंने महसूस किया कि बहुत से बच्चे केवल किताबें नहीं खरीद पाने के कारण पढ़‌ाई छोड़ देते हैं। यह बात उन्हें झकझोर कर रख दिया। उन्होंने पास हो जाने वाले विद्‌यार्थियों से किताब लेकर उन्हें एक ठेले में रखकर जरूरतमंद बच्चों को बाटाँ।सत्यार्थी जी इंजीनियर थे, लेकिन उनका मन समाज सेवा में लगता था। एक दिन नौकरी छोड़ बाल अधिकार के क्षेत्र में काम करना शुरू किया। अनेक बच्चों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया और इस प्रकार उनके जीवन की दिशा ही बदल गई। आज भी वे इस कार्य में लगे हुए हैं और उन्हें अपने इन कार्यों के लिए अनेक पुरस्कार भी मिल चुकें हैं।

 

(ख) सत्यार्थी जी को कार्य में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा ? उन्होंने उनका मुकाबला कैसे किया?

 

उत्तर - सत्यार्थी जी को इस कार्य में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जब सत्यार्थी जी ईंटों के भट्‌ठे से बच्चों को टूक में बैठाकर ले जा रहे थे उस वक्त भट्‌ठे का मालिक पुलिस ले आया। उनके साथ झड़प में उनका कैमरा टूट गया । उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अखबार में तस्वीरें छपवा दी और उच्च न्यायालय में केस दायर कर दिया।

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