मौखिक
(क) कवि विपदाओं में मनुष्य से क्या आग्रह करता है ?
उत्तर- कवि विपदाओं में मनुष्य से आग्रह करता है कि चाहे जैसी भी परिस्थिति क्यों न हो हमें उसका मुकाबला करते हुए निरंतर आगे बढ़ना होगा।
(ख) हार-जीत के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर- जीवन में कभी हार है तो कभी जीत है लेकिन हमें हार से निराश न होकर जीत की उम्मीद में आगे बढ़ते जाना है। जब तक हमारा लक्ष्य पुरा न हो जाए।
(ग) मानव जीवन किससे सुसज्जित है?
उत्तर- मानव जीवन कुश काँटो से सुसज्जित है।
लिखित
(क) कवि कदम मिलाकर चलने के लिए क्यों कहता है?
उत्तर- कवि कदम मिलाकर चलने के लिए कहने हैं क्योंकि एकता में बहुत ताकत होती है। जब हम कोई भी काम एकजुट होकर करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है।
(ख) उन्नत मस्तक रखने के लिए किन बाधाओं से गुजरना होगा?
उत्तर- हमारे जीवन में सुख-दुःख, सम्मान-अपमान सब है लेकिन हमें दुखी होकर अपमान से निराश नहीं होना है | हमें अपने लक्ष्य की चाह में सर उठाये सीना ताने आगे बढ़ते जाना है |
(ग) कवि अपना तन-मन किस पर अर्पित करेगा ?
उत्तर- कवि अपना तन-मून दूसरों की भलाई के लिए अर्पित करेगा।
(घ) कविता का संदेश बताइए।
उत्तर- इस कविता से हमें एकता का संदेश मिलता है कि जीवन में चाहे जैसी भी परिस्थिती क्यों न हो हमें उससे निराश नहीं होना है और अपने लक्ष्य को पाने की चाह में एक जुट होकर आगे बढ़ते जाना है | एक जुट होकर चलने से कठिन से कठिन कार्य भी सरल होजाता है |
(ड़) जीवन को शत-शत आहूति में जलना होगा — आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- इस पंक्ति का आशय यह है कि हमारे जीवन में अनेक रुकावटें आएँगी कभी हार कभी जीत, कभी घृणा कभी प्यार हमें इन सभी आकर्षणों को छोड़ते हुए आगे बढ़ना होगा | अपना तन मन दूसरो की भलाई के लिए अर्पित करना होगा |