काकी — Questions and Answers

Kaki - ICSE - Class 9 & 10 - Q&A

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निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए

( i ) “वर्षा के अनंतर एक दो दिन में ही पृथ्वी के ऊपर का पानी तो अगोचर हो जाता है, परंतु भीतर ही भीतर उसकी आर्द्रता जैसे बहुत दिन तक बनी रहती है, वैसे ही उसके अंतस्तल में वह शोक जाकर बस गया था।“

(क) ‘उसके’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है ? उसकी मनोदशा पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- ‘उसके’ शब्द का प्रयोग श्यामू के लिए किया गया है। माँ के जाने के बाद रोते-रोते उसके आँसू तो शांत हो गए थे। लेकिन माँ के वियोग की पीड़ा उसके हृदय में बस गया था। वह प्राय: अकेला बैठा आकाश की ओर देखा करता था।

(ख) ‘असत्य के आवरण में सत्य बहुत दिन तक छिपा न रह सका’- श्यामू को किस सत्य का, कैसे पता चला ? इससे उस पर क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर — श्यामू को सत्य का पता चल गया कि काकी कहीं और नहीं, ऊपर राम जी के पास गई है। आस-पास के अबोध बालकों के मुह से यह प्रकट हो गया। इससे उस पर यह प्रभाव पड़ा कि काकी के लिए वह कई दिन तक रोता रहा।

(ग) ‘काकी’ कहानी के उद्‌देश्य पर प्रकाश डालिए।

उत्तर — कहानी में अत्यंत मार्मिक ढंग से एक अबोध तथा मासूम बालक की मातृ वियोंग की पीड़ा को व्यक्त किया गया है। लेखक ने यह बताने की कोशिश की. है कि बालकों का हृदय अत्यंत कोमल, भावुक तथा संवेदनशील होता है। वे मातृ वियोग की पीड़ा को सहन नहीं कर पाते ।

(घ) ‘काकी’ शीर्षक कहानी से बालकों के किस स्वभाव का पता चलता है?

उत्तर- ‘काकी’ शीर्षक कहानी से बालकों के मातृ-वियोग से उत्पन्न तड़प का पता चलता है क्योंकि. बालकों का हृदय अत्यंत कोमल’ भावुक और संवेदनशील होता है।

(ⅱ) ‘एक दिन उसने ऊपर एक पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा ।’

(क) ‘उसने’- से किसकी ओर संकेत किया गया है? वह उदास क्यों रहा करता था।

उत्तर- उसने द्वारा श्यामू की ओर संकेत किया गया है | वह उदास रहा करता था क्योंकि उसकी माँ उसे छोड़कर राम जी के पास चली गई थी।

(ख) उड़ती हुई पतंग को देखकर उसका हृदय क्या सोचकर खिल उठा ?

उत्तर- उड़ती हुई पतंग को देखकर उसके मन में विचार आया और उसका हृदय खिल उठा कि क्यों न मैं भी एक पतंग राम जी के यहाँ भेजूँगा, उसे पकड़‌कर काकी नीचे उतरेगी मेरे पास आ जाएगी।

(ग) पतंग मंगवाने के लिए उसने किन से प्रार्थना की ? उसकी बात सुनकर उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?.

उत्तर — पतंग मँगवाने के लिए उसने अपने पिता से कहा। पत्नी की मृत्यु के बाद वे अन्यमनस्क रहा करते थे। श्यामू की, बात सुनकर उन्होंने कहा मँगा दूंगा और उदास भाव से कहीं और चले गए।

(घ) पतंग प्राप्त करने के लिए उसनें किस उपाय का सहारा लिया और पतंग मंमवाने के लिए किसकी सहायता ली ? इसका क्या परिणाम निकला ?

उत्तर — पतंग प्राप्त करने के लिए उसने अपने पिता के कोट से पैसे निकाले और पतंग मँगवाने के लिए अपने दोस्त भोला की सहायता ली। जब विश्वेश्वर को इसका पता चला वह गुस्से में श्यामू के पास आकर उसे दो तमाचे जड़कर कहा, “चोरी सीख कर जेल जाएगा? पतंग भी फाड़ डाली।

(iii) “देखो, खूब अकेले में जाना, कोई जान न पाए।”

(क) वक्ता और श्रोता कौन-कौन हैं? दोनों का परिचय दीजिए।

उत्तर- वक्ता श्यामू हैं और श्रोता उसका दोस्त भोला है। श्यामू एक छोटा सा बालक था। उसके पिता विश्वेश्वर हैं और माँ की मृत्यु हो गई है। वह बहुत कोमल, भावुक बच्चा है। वहीं भोला सुखिया दासी का लड़‌का है, श्यामू का समवयस्क साथी है।

(ख) वक्ता ने श्रोता को अकेले में जाने के लिए क्यों कहा ? उसे किस बात का भय था?

उत्तर- वक्ता ने श्रोता को अकेले में जाने के लिए कहा क्योंकि वह नहीं चाहता था कि किसी को भी उसके पतंग वाली बात का पता चले। उसे भय था कि यदि उसके पिता को पता चलेगा की वह पतंग उसकी माँ को लाने के लिए राम जी के यहाँ भेज रहा है तो शायद वे उसे पतंग भेजने से मना कर देंगे।

(ग) वक्ता ने उससे क्या मँगवाया ? उस वस्तु को लाने उसने उसे कितने पैसे दिए? वे पैसे उसने कहाँ से प्राप्त किए थे और क्यों?

उत्तर — वक्ता ने उससे पतंग और डोर मँगवाया। उसके लिए श्यामू ने भोला को चवन्नी दिए। वे पैसे उसने विश्वेश्वर के कोट से प्राप्त किए थे, क्योंकि वह पतंग खरीदकर राम जी के यहाँ भेजता जिसे पकड़कर काकी उसके पास नीचे आ जाती।

(घ) वक्ता उस वस्तु का प्रयोग किस लिए करना चाहता था ? वह उसका प्रयोग क्यों नहीं कर पाया ?

उत्तर — वक्ता उस पतंग का प्रयोग राम जी के यहाँ भेजकर अपनी माँ को नीचे लाने के लिए करना चाहता था। वह उसका प्रयोग नहीं कर पाया क्योंकि जब विश्वेश्वर को पता चला की श्यामू ने कोट से पैसे लिए है तो अचानक वे श्यामू के पास पहुँच कर दो तमाचा भी जड़ दिए और पतंग भी फाड़ दिया।

(iv) अकस्मात शुभ कार्य में विघ्न की तरह उग्र रूप धारण किए हुए विश्वेश्वर वहाँ आ पहुँचे |

(क) ‘शुभ कार्य’ और ‘विघ्न’ शब्दों का प्रयोग किस-किस संदर्भ में किया गया है?

उत्तर- श्यामू अपनी माँ को राम जी के यहाँ से लाने के लिए पतंग में डोर लगा रहा था और उसमें लिखा था काकी, ये शुभ कार्य था। इतने में विश्वेश्वर क्रोध में आकर श्यामू को तमाचे लगाते हैं और पतंग फाड देते हैं। ये कार्य में विध्न था।

(ख) विश्वेश्वर कौन हैं? उसकी उग्रता का क्या कारण था ?

उत्तर — विश्वेश्वर श्यामू के पिता हैं। श्यामू ने बिना पूछे उनकी जेब से पैसे निकाले थे यही उसकी उग्रता का कारण था।

(ग) वहाँ कौन — कौन थे और वे क्या कर रहे थे ?

उत्तर — वहाँ श्यामू और भोला थे । वे दोनों पतंग में रस्सा बाँध रहे थे।

(घ) विश्वेश्वर ने धमकाकर किससे क्या पूछा और उन्हें असलियत का पता कैसे चला ? उन्होंने अपराधी को क्या दंड दिया ?

उत्तर — विश्वेश्वर ने धमकाकर भोला और श्यामू से पूछा, तुमने हमारे कोट से रूपया निकाला है?” भोला सकपकाकर एक ही डाँट में भेद खोल देता है कि श्यामू भैया ने पतंग और रस्सा मँगाने के लिए निकाला था। उन्होंने अपराधी को कोई दंड नहीं दिया क्योंकि जब भोला ने कहा श्यामू ने मंगाई थी कहता था पतंग तानकर काकी को राम के यहाँ से नीचे उतारेंगे।” यह सुन विश्वेश्वर हतबुद्‌ध खेड़े रह गए |

(v) ‘भोला सकपकाकर एक ही डॉट में मुखबिर हो गया।’

(क) भोला कौन था? वह क्यों सकपका गया ?” मुखबिर’ शब्द का क्या अर्थ है?

उत्तर-भोला सुखिया दासी का लड़का था, जब विश्वेश्वर ने धमकाकर उनसे पूछा कि क्या तुमने हमारे कोट से रूपया चुराया है, यह देख भोला सकपका गया। ‘मुखबिर’ शब्द का अर्थ है भेद खोलने वाला ।

(ख) डाँटने वाले का परिचय दीजिए ? उसके डाँटने का क्या कारण था ?

उत्तर — डाँटने वाले विश्वेश्वर है जो श्यामू के पिता है। उसके डाँटने का कारण यह था कि श्यामू ने बिना बताए उनके कोट से पैसे निकाले थे।

(ग) भोला ने डाँटने वाले को क्या बताया? भोला की बात सुनकर डाँटने वाले ने किसे क्या दंड दिया ?

उत्तर — भोला ने डाँटने वाले को बताया कि श्यामू ने ही रस्सियाँ और पतंग मँगवाई थी। कहता था इसे राम के यहाँ भेजकर काकी को नीचे उतारेगा । भोला की बात सुनकर विश्वेश्वर हतबुद‌धि होकर वहीं खड़े के खड़े रह गए, दंड क्या देते।

(घ) भोला की बात सुनकर हॉटने वाले की क्या मनोदशा हुई ?

उत्तर — भोला की बात सुनकर विश्वेश्वर हतबुद‌धि होकर वहीं खड़े रह गए। जब उन्होंने फटी पतंग उठाकर देखी उसमें लिखा था- ‘काकी’।


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