मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) वन में किसका आश्रम था ?
उत्तर- वन में ऋषि अंगिरा का आश्रम था।
(ख) गुरु अपने शिष्यों को किस तरह
की शिक्षा देते थे ?
उत्तर- गुरु अपने शिष्यों को प्यार से एक-दूसरे
की मदद करते हुए नई-नई बातें सीखने के लिए कहते थे और सदा उचित मार्ग पर चलने की सलाह
देते थे।
(ग) उनके शिष्यों में कौन सा शिष्य
अहंकारी था?
उत्तर- उनके शिष्यों में उदयन नाम का शिष्य
अहंकारी था ।
(घ) गुरु किसका उदाहरण देकर उदयन
को सही रास्ते पर लाए?
उत्तर - गुरु जलते हुए कोयले का उदाहरण देकर
उदयन को सही रास्ते पर लाए।
लिखित
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) ठंड में आग तापते समय ऋषि ने
अपने शिष्यों से क्या कहा ?
उत्तर- ठंड में आग तापते समय ऋषि ने अपने शिष्यों
से कहा, “इस ठंड में ताप का श्रेय इन जलते हुए कोयलों को है। देखो, कितने सुंदर लग
रहे हैं।"
(ख) ऋषि ने कोयले का ताप कम होने
का क्या कारण बताया?
उत्तर- ऋषि ने कोयले का ताप कम होने का कारण
बताते हुए अपने शिष्यों से कहा, "देखो, यह कोयला निस्तेज हो रहा है। यदि यह अंगीठी
में सब कोयलों के साथ रहता, तो इसका ताप और तेज बना रहता।
(ग) पाठ के आधार पर बताइए कि हम
कुंदन कैसे बन सकते हैं?
जर- हम समाज में तपकर ही कुंदन बनते हैं। अकेले
में अहंकारी तो बन सकते हैं, पर प्रेम और त्याग जैसे गुण नहीं सीख सकते। सबके साथ मिलकर
चलना ही उचित है।
(घ) अंत में उदयन ने ऋषि से क्षमा
मांगते हुए क्या कहा ?
उत्तर - अंत में उदयन ने ऋषि से क्षमा माँगते
हुए कहा “आपने अंगीठी के जलते कोयले के सहारे आज एक अमूल्य शिक्षा दी है। मैं सदा साद
रखूँगा।”