असली इंसान - ASLI INSAAN - Questions and Answers



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मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

 

(क) रूसी पायलट अलेक्सेई मेरेस्येव ने अपनी दोनों टाँगे कैसे गंवा दी थीं?

उत्तर- रूसी पायलट अलेक्सेई मेरेस्येव का जहाज गोली लगने से जब चीड़ के पेड़ों से जा टकराया और चकनाचूर हो गया। इससे एक क्षण पहले ही वह अपनी सीट से बाहर कूद चुका था। वह देवदार के वृक्षों से टकराता हुआ बर्फ के ढेर पर जा गिरा। उसके प्राण तो बच गए लेकिन दोनों पैर लगभग बेकार हो गए थे।

 

(ख) जंगल में रेंगते हुए अलेक्सेई को किसने सहारा दिया ?

उत्तर- जंगल में तीन दिनों तक रेंगते रहने के बाद अलेक्सेई को एक जगह दो रूसी बच्चे मिले। वे उसे अपने रहने की जगह पर ले गए। वहाँ उसे नहलाया गया लेकिन थकान और दुर्बलता कम न हुई। वहाँ से उसे इलाज के लिए मॉस्को ले जाया गया।

 

(ग) किस लेख ने अलेक्सेई के आत्मविश्वास को जगा दिया ?

उत्तर- अलेक्सेई को प्रथम यु‌द्ध काल के एक रूसी हवाबाज़ के बारे लेख पढ़ने को मिला था। उस हवाबाज़ के पैर में गोली लग गई थी। पैर के चिथड़े उड़ जाने के बाद भी वह अपने विमान को शत्रु के बीच से निकाल, अपने अड्‌डे पर उतर आया था। पैर कटने के बाद भी उसकी फ़ौज से रिटायर की इच्छा नहीं थी। उसने एक कृत्रिम पैर लगवा लिया। वह लम्बे समय तक जिमनास्टिक और व्यायाम करता रहा। इस वजह से वह युद्ध के अंतिम दिनों में फिर अपने काम पर वापस लौट आया। इस लेख ने अलेक्सेई के आत्मविश्वास को जगा दिया।

 

(घ) अलेक्सेई ने विमान चलाने के लिए क्या युक्ति निकाली ?

उत्तर- अलेक्सेई ने विमान चलाने के लिए हवाई जहाज़ के पैडल में कृत्रिम पैरों को बाँधने के लिए दो तस्मे बनवा लिए । अगले दिन उड़ान से पहले अलेक्सेई ने तस्मों की सहायता से पैर पैडल से बाँध लिए और जहाज उड़ाया।

 

लिखित

2. उत्तर दो या तीन पंक्तियों में लिखिए -

 

(क) अलेक्सेई के प्रति डॉक्टर के मन में आश्चर्यपूर्ण आदर की भावना क्यों जागृत हुई?

उत्तर- अलेक्सेई के प्रति डॉक्टर के मन में आश्चर्यपूर्ण आदर की भावना इसलिए जागृत हुई क्योंकि अलेक्सेई दवारा दिए गए लेख पढ़कर डॉक्टर बहुत प्रभावित हुए।

 

(ख) अलेक्सेई का इलाज कहाँ और किस प्रकार हुआ ?

उत्तर- अलेक्सई को इलाज के लिए मॉस्को ले जाया गया और धीरे-धीरे बढ़िया अस्पताली भोजन से उसकी शक्ति वापस आ गई।

 

3. उत्तर विस्तार से लिखिए -

 

(क) होश आने पर अलेक्सेई किस प्रकार दर्द झेलते हुए अपने मोर्चे की ओर बढ़ा?

उत्तर- होश आने पर अलेक्सई के दोनों पैरों में बहुत दर्द हो रहा था। उसके दोनों पैर बेकार हो गए थे। लेकिन हर कीमत पर चलने का निश्चय किया। वह दृढतापूर्वक उठ बैठा। पहला कदम बढ़ाकर एक क्षण खड़ा रहा फिर बर्फ से दूसरा पैर निकाला और दूसरा कदम बढ़ाया। इस प्रकार घने वन में जब वह घिसटता हुए तीन दिन की यात्रा पूरी कर जब अपने पैरों को देखा। पैर सूज गए थे। ऐसा लग रहा था मानों पैरों में हवा भरकर फुलाए गए हों। अगले दिन उसे लगा वह अब और आगे चल नहीं पाएगा। अगर बैठ गया, तो कभी उठ नहीं पाएगा। उसने कटार से पेड़ की शाखाएँ काटकर बैसाखियाँ बनाई और उस पर रूमाल और पट्ट‌टियाँ बाँध दीं। इस प्रकार वह बर्फ़ में दो दिनों तक बैसाखियों के सहारे घिसटता रहा। विश्राम के समय वह चीड़ की नरम छाल छील लेता, भोज वृक्ष और लाइम वृक्ष की कलियाँ चुनता और बर्फ़ के नीचे से नरम व हरी काई उखाड़कर रात के पड़ाव में पानी उबाल लेता। यही उसका भोजन बन गया था।

 

(ख) सेना में फिर से नियुक्ति हो जाने पर अलेक्सेई ने क्या-क्या कारनामे कर दिखाए ?

उत्तर- सेना में फिर से नियुक्ति हो. जाने पर अलेक्सेई ने पहली उड़ान में ही जर्मनी के दो लड़ाकू विमान मार गिराए उसके कारनामे से खुश होकर कमांडर ने कहा, " किसी चीज की जरूरत हो या किसी तरह की तकलीफ़ हो, तो मदद लेने से हिचकिचाना नहीं। तुम इसके हकदार हो। अलेक्सेई ने जवाब दिया मुझे किसी चीज़ की जरूरत नहीं है, कमांडर । मैं दूसरे से किसी भाँति अलग नहीं हूँ। अच्छा हो, अगर लोग यह भूल जाएँ कि मेरे पैर नहीं हैं।' अगले दिन भयंकर हवाई युद्ध हुआ। अलेक्सेई ने वीरतापूर्वक अपने साथी को बचाया तथा तीन जर्मन लड़ाकू विमानों को मार गिराया। उस दिन उसने सात बार उड़ान भरी। इसके बाद भी उसने कई सफल युद्‌धों में भी भाग लिया।

 

4. मूल्य आधारित प्रश्न –

 

लेखक ने अलेक्सेई को 'असली इनसान' क्यों कहा है?

 

उत्तर- लेखक ने अलेक्सेई को ‘असली इनसान’ इसलिए कहा क्योंकि उसने दुश्मनों से हार न मानकर उनका मुकाबला बड़ी ही बहादुरी और संकल्प शक्ति के सहारे किया था । वह शरीर से कमजोर होने पर भी हारा न था। अपने इरादों को पूरा करने में जुटा रहा |

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