मेरी इटली यात्रा - MERI ITALY YATRA - Questions and Answers



मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

 

(क) स्वर्गीय कुमार स्वामी ने विदेशी वि‌द्यार्थियों से क्या कहा ?

उत्तर - स्वर्गीय कुमार स्वामी ने विदेशी विद्‌यार्थियो को संबोधित करते समय भारतीय संस्कारों पर बल देते हुए कहा था- “फ़ालतू असबाब से छु‌ट्टी पाते हुए सहज भाव से यात्रा करना सीखते चलना ही मेरा उद्‌देश्य रहा है - विदेशाटन में ही नहीं, जीवन-यात्रा में भी। आपको शब्दों के विमान पर बिठा - -कर और कराने के मेरे प्रयत्न में मेराः उद्‌देश्य यही है कि इस सहज भ्रमण को अपूर्व स्वाद कुछ आपको भी प्राप्त करा सकूँ।”

 

(ख) आकाश वास्तव में खुला आकाश क्यों था ?

उत्तर - आकाश वास्तव में खुला आकाश इसलिए था क्योंकि आकाश के जिस अंश में धूल या धुंध होती है वह तो हमारे नीचे है और धूल उसमें है भी नहीं, हलकी- सी वसंती धुंध ही है, बहुत बारीक धुनी हुई रुई की-सी ।

 

(ग) भारत से रोम तक जाने में लेखक को कितना समय लगा ?

उत्तर- भारत से रोम - तक जाने में लेखक को बाईस घंटे लगे ।

 

(घ) रोम में प्रवेश करते ही उन्हें क्या अपूर्व और आकर्षक लगा ?

उत्तर- रोम में प्रवेश करते ही उन्हें दिन के प्रकाश में रोम बिलकुल दूसरा दिखने लगा, पर इस समय भी जो दिख रहा था वह अपूर्व और आकर्षक था। अंगूर की कटी - छटी बेलें इतनी नीची कटी हुई कि पौधे मालूम हों। मधुर गंध वायुमंडल को भर रही थी। तरह-तरह के खंडहर जिनमें कुछ चित्रों द्वारा परिचित थे, कुछ अपरिचित । स्वच्छ सुंदर सड़कें, जहाँ-तहाँ प्रतिमा मंडित फव्वारे थे |

 

(ड) यूरोप के अन्य देशों से इटली में क्या समानता और असामानता है?

उत्तर- पहली दृष्टि में यही सबसे बड़ा अंतर पूर्व और पश्चिम में दिखता है। पूर्व का जीवन विलंबित लय में चलता है और पश्चिम का द्रुत लय में। यों और पश्चिमी देशों की अपेक्षा इटली कुछ धीरे चलना पसंद करता है। इटली खाने के बाद का विश्राम अनिवार्य मानता है और इसलिए यूरोप भर में इटली के दफ्तरों में लंच की लंबी छु‌ट्टी होती है - नियमतः दो घंटे पर व्यवहार में तीन घंटे। किन्तु दूसरी ओर वह देर तक काम करता है। यूरोप में सवेरे उठते ही जीवन की दौड़ आरंभ होती है और रात तक चलती ही जाती है। मेरा अनुमान है कि औसत यूरोपीय के प्रतिदिन छह-सात घंटे तो पैरों पर खड़े-खडे बीतते हैं – अधिक भी हों तो अचंभा नहीं।

 

लिखित

निम्नलिखित प्रश्नो संक्षिप्त उत्तर दीजिये -

 

(क) इटली के उद्‌यानों की क्या विशेषता है?

उत्तर- इटली के उद्‌यानों की विशेषता है कि यहाँ के तरतीबदार सरू और मोरपंखी के पेड़ और पलस्तर की मूर्तियाँ वहाँ के नीले आकाश और नीले सागर के परिपार्श्व में शोभा देती है |

 

(ख) लेखक ने एक यूरोपियन की दिनचर्या के बारे में क्या अनुमान लगाया ?

उत्तर - यूरोप में सवेरे उठते ही जीवन की दौड़ आरंभ होती है और रात तक चलती ही जाती है। मेरा अनुमान है कि औसत यूरोपीय के प्रतिदिन छह-सात घंटे तो पैरों पर खड़े-खड़े बीतते हैं- अधिक भी हों तो अचंभा नहीं। फिर वह खड़े रहना चाहे घर पर नाश्ता बनाते समय का खड़े रहना हो, चाहे ट्राम- बस में द‌फ़्तर जाते का खड़ा होना, चाहे सिनेमा के टिकट के लिए लगी कतार का खड़े होना और चाहे खाते-पीते समय का खड़े होना, क्योंकि प्राय: दिन में एक बार ही बैठकर भोजन किया जाता होगा।

 

निम्नलिखित वाक्यों का आशय स्पष्ट कीजिए -

 

(क) पूर्व का जीवन विलंबित लय में चलता है और पश्चिम का द्रुत लय में।

उत्तर- पूर्व का जीवन आलस्य के रूप में चलता रहा जिससे हम विकास नहीं कर सके और पश्चिम का चलन शीघ्रतम रूप से चल रहा है वे विकास के रास्ते पर तेजी से चल रहा है। अगर विकास करना है तो हमें द्रुत लय में ही चलना पड़ेगा।

 

(ख) यंत्रों ने इतनी सुविधा दी है तो क्या खड़े रहने के लिए।

उत्तर- इसका अर्थ यही है कि यदि हमें सुविधा दी गई है तो हम आलसी बन जाएं अपने शरीर को जितना सुख देंगे वह उतना ही सुख माँगता है इसका परिणाम होता है कि शरीर कई रोगों से पीड़ित हो जाता है। यंत्र की सुविधा खड़ा रहना नहीं है। कोई बुराई नहीं है इसमें भी अच्छाई ही है।

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