नदी को रास्ता किसने दिखाया ? - NADI KO RASTA KISNE DIKHAYA ? - Questions and Answers

NADI KO RASTA KISNE DIKHAYA - नदी को रास्ता किसने दिखाया - Q&A



मौखिक

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

 

(क) नदी को क्या सिखाया गया था?

उत्तर- नदी को सिखाया गया था कि अपनी भावना के वेग को, उन्मुक्त बहने दें।

 

(ख) सिंधु की गंभीरता कैसे खोजी जा सकती है?

उत्तर- सिंधु की गंभीरता को नदी स्वयं स्वच्छंद बहकर खोज लेगी।

 

(ग) नदी के अनुसार उसका रास्ता किसने बनाया ?

उत्तर- नदी के अनुसार उसका रास्ता उसने अपने आप ही बनाया था।

 

(घ) नदी के स्वागत के लिए कौन खड़ा था ?

उत्तर- नदी के स्वागत के लिए फेन की माला लिए समुद्र खड़ा था।

 

() नदी को उसकी मंजिल तक पहुँचाने का रास्ता बनाने का दावा किसने किया है ?

उत्तर - नदी को उसकी मंजिल तक पहुँचाने का दावा भूमि ने किया है उसने ही नदी का मार्ग बनाया था जिधर चाहा उधर ही मोड़ दिया था।

 

लिखित -

 

1. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर लिखिए-

 

(क) अपना रास्ता बनाने के लिए नदी को हर बाधा - विघ्न के साथ कैसा व्यवहार करना पड़ा?

उत्तर- अपना रास्ता बनाने के लिए नदी को हर विघ्न - बाधा के साथ कठोरता का व्यवहार करना पड़ा था। वह सबको धक्का लगाती गई तब कहीं उसे मार्ग मिला था।

 

(ख) सागर हाथ में किसकी माला लिए खड़ा था और क्यों ?

उत्तर- सागर हाथ में फेन की माला लिए खड़ा था क्योंकि उसे नदी का स्वागत करना था।

 

(ग) नदी का रास्ता बदलने के लिए भूमि ने क्या किया ?

उत्तर- नदी का रास्ता बदलने के लिए भूमि को कभी नीचा और कभी ऊँचा होना पड़ा। वह हर परिस्थिति के सामने समन्वय का व्यवहार करने लगी |

 

2. निम्नलिखित प्रश्नों के लिखिए उत्तर विस्तार से

 

(क) परिवेश के आगे मन झुकता है या मन के आगे परिवेश - पाठ के आधार पर लिखिए |

उत्तर- परिवेश के आगे मन झुकता है न कि मन के आगे परिवेश । क्योंकि वातावरण के साथ ही मनुष्य समझौता करता है जैसे परिवेश ने किया था।

 

(ख) यदि भूमि ने सागर से मिलने में नदी की सहायता की, तो ऐसा उसने क्यों किया ? अपने विचार लिखिए।

उत्तर- यदि भूमि ने सागर से मिलने में नदी की सहायता की, तो ऐसा उसने इसलिए किया क्योंकि वह किसी की सफलता में अपना कुछ योगदान देना चाहती थी। ऐसा करने से उसे खुशी मिलती ।

 

 

Previous Post Next Post