मौखिक -
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
(क) रज़िया कौन थी ?
उत्तर - रज़िया दिल्ली सल्तनत के सुल्तान अल्तुतमश
की बेटी थी।
(ख) अल्तुतमश को अपने बेटों से क्या
नाराज़गी थी ?
उत्तर- अल्तुतमश को अपने बेटों से नाराज़गी
थी उन्होंने कहा - कहने को तो वे मेरे बेटे हैं, मेरा खून हैं पर उनके जुल्मों के किस्से
सुन-सुनकर मैं परेशान हो चुका हूँ। मेरे रहते मेरी रिआया हाहाकार करे - यह अब मुझसे
बरदास्त नहीं होता।
(ग) दरबारी रज़िया के खिलाफ़ क्यों
थे?
उत्तर- दरबारी रज़िया के खिलाफ थे क्योंकि
वे एक औरत की गुलामी करना नहीं चाहते थे उन्हें यह हर्गिज मंजूर नहीं था।
(घ) दिल्ली की सल्तनत को रज़िया
ने देश के और किन-किन हिस्सों पर कायम किया?
उत्तर- दिल्ली की सल्तनत को रज़िया ने देश
के अनेक हिस्सों पर कायम किया। जिसमें बंगाल, बिहार, और पंजाब पर जीत हासिल करके उसने
दिखा दिया कि वह किस मिट्टी की बनी है।
(ङ) जीत हासिल करने पर उसने अपने
सैनिकों से क्या कहा ?
उत्तर- जीत हासिल करने पर उसने अपने सैनिकों
से मुखातिब होते हुए कहा – ऐ मेरे बहादुर सिपाहियों ! फ़तह आप सबको मुबारक! यह फ़तह
कोई मामूली फ़तह नहीं। यह फ़तह है जुल्मोसितम पर इंसाफ़ की ! बुजदिलों पर बहादुरी की।
यह फ़तह है औरतज़ात को कमतर समझने वालों पर अल्लाह के फ़रमान की। यह फ़तह गवाह रहेगी
कि रज़िया ने हिंदुस्तान की तवारीख में जो मुकाम हासिल किया वो किसी के रहमोकरम की
बदौलत नहीं - अपनी खुद्दारी, पर अपनी जाँबाज़ी और दानिशमंदी से हासिल किया। फ़तह मुबारक!
खुदा हाफिज ।
लिखित -
1. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर
लिखिए -
(क) अल्तुतमश ने ताजपोशी के लिए
रजिया को ही क्यों चुना?
उत्तर- अल्तुतमश ने ताजपोशी के लिए रजिया को
ही चुना क्योंकि उन्हें अपनी बेटी पर जितना उम्मीद था उतना किसी और पर नहीं था।
ख) ताजपोशी कैसे की गई?
उत्तर- रज़िया के सिर पर कुरान शरीफ़ रखकर मौलवी
उसे वापस दरबान के हाथ की थाली पर रख देते हैं और उसके बाद रज़िया को ताज पहनाते हैं।
(घ) औरत को हुकूमत के नाकाबिल समझने
वालों को रज़िया किस तरह जवाब देना चाहती थी?
उत्तर- औरत को हुकूमत के नाकाबिल समझने वालों
को रज़िया जंग के मैदान में तलवार की जुबान से बात करना चाहेगी। रज़िया सिर्फ एक ख़ातून
नहीं - दिल्ली की वो ताकत होगी, जिसके रहते रिआयां पर जुल्मोसितम करने की किसी की जुर्रत
नहीं होगी।
ग) रज़िया का वध कब और कैसे किया
गया?
उत्तर- रज़िया जब पंजाब के लाहौर और भटिंडा
में विद्रोह की आग को दबाने के बाद याकूब के साथ दिल्ली लौट रही थी तब 14 अक्तूबर सन्
1240 को धोखे से उसका कत्ल कर दिया गया | रज़िया ऐसी शख्सियत नहीं थी जो तवारीख के
पन्नों पर कहीं गुम हो जाती।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से
लिखिए -
(क) ताजपोशी के बाद रजिया ने क्या
कहकर अपनी जनता के मन में आशा जगाई ? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- आज से रज़िया केवल एक औरत ही नहीं बलिक
दिल्ली की वो ताकत होगी जिसके रहते किसी के ऊपर जुल्मोसितम नहीं होगी चाहे वह अमीर
हो या गरीब, औरत हो या पुरुष, बच्चें हों या बूढ़े सभी के साथ न्याय होगा। सब जगह खुशियाँ
ही खुशियाँ होगी, इनसानों जैसा बर्ताव सबके साथ होगा। रज़िया की तलवार कोई भेदभाव नहीं
करेगी।
(ख) रज़िया अपना नाम इतिहास में
किन बातों के लिए दर्ज कराना चाहती थी?
उत्तर- रज़िया अपना नाम इतिहास में इसलिए दर्ज
कराना चाहती थी क्योंकि हजारों सालों से वही पुरानी परम्परा चली आ रही थी कि औरत कमजोर
है, वह केवल पुरुष की गुलाम है, उन्हें शासन करने का कोई अधिकार नहीं होगा। वह यह साबित
करना चाहती थी कि औरत अगर चाहे तो कोई भी ताकत उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती और उसने
यह करके भी दिखा दिया।